Monday, May 12, 2008

खुशबू भाभी के साथ

मेरा नाम युसुफ़ है,मे क्लास 6 मे हू,मेरी उम्र 12 साल है. मेरे भाई जान की एक गर्ल फ्रेंड है,जिसका नाम खुशबू है, मे उसे खुशबू भाभी कहता हू. एक दिन मे घर मे अकेला था, मे अपनी पैंट मे हाथ डालकर बिस्तर प र पड़ा था,दरवाज़ा खुला था,सो खुशबू भाभी सीधे अंदर आ गयी. उसने यह नज़ारा देख लिया.
भाभी: क्या कर रहे थे.
मे: मुझे खुजली हो रही थी.
भाभी: मे खुज़ादू
मे:खुजा दो.
भाभी ने पैंट के अंदर हाथ डाला और सहलाने लगी,मुझे ही बहुत ही अच्छा लगा. फिर मुझे गोधी मे बिताल दिया,और होंठ चूसने लगी,मुझे तो ऐसा लगा जेसे जनत मिल गयी. फिर थोड़ी देर बाद मेने अपने होंठ भाभी के होंठ से हटाए,और कहा आप होली खेलती है.
भाभी:हा.
मे :मेरे साथ भी खेलेंगी.
भाभी:हा.
फिर से उसने अपने होंठ मेरे होंठ प र लाकर चूसने लगी. फिर मेने अपने होंठ हटाए और कहा दरवाज़ा खुला है लगा देता हू.
मे उठा और दरवाज़ा लगा दिया. जब मे वापिस मुड़ा तो भाभी मुस्कुराते हुए मुझे देख रही थी.: भाभी:अब तुम बिस्तर प र लेट जाओ,मे तुम्हारे उपर लेतुँगी.
भाभी मेरे उपर लेट गयी.
मे:आपका वज़न ज़ायदा है. मे आपके उपर लेट ता हू.
भाभी उपर से हट गयी,और मे भाभी के उपर लेट गया.
भाभी:पूरी पैंट उतार लो. मेने आपनी पूरी पैंट उतार दी. तभी डोर बैल बजने की आवाज़ आई. मेने तुरंत ही अपन पैट पहनी और अपने होंठ पोछे. और दरवाज़ा खोला. दरवाज़े प र भाई जान थे,मुझे धबराया देख क र पूछने लगे,क्या हुआ.
मेने:कुछ नही. भाई जान अंदर आए तो बोले:क्या हो रहा था खुशबू.
भाभी:कुछ नही.
भाई जान:कुछ तो हो रहा था.
भाभी चली गयी. उस दिन से भाई उस धटना का अक्सर ज़िक्र करते और मे टाल जाता हू.